New Suvichar
विचार (Suvichar) एक संक्षिप्त वाक्य है, जो समझदारी, ज्ञान, प्रेरणा या अनुभव को संक्षेप में व्यक्त करता है । एक सुविचार वाक्य को खुद को समझने और आगे बढ़ने में सहायता करता है। जीवन की भागदौड़ और स्त्रोत समय में सुविचार एक छोटा ठहराव प्रदान करते हैं, जिससे हम स्वयं को और अपने आस-पास के दुनिया को ध्यान में रख सकते हैं। सुविचार अनमोल ज्ञान को साझा करते हैं और उस दिशा में हमें प्रेरित करते हैं जो जीवन को सफल और सजीव बनाती है।
जीवन का सफर अनमोल रत्नों से भरा है, और इन रत्नों में से एक हैं सुविचार।
नमस्कार! आपका स्वागत है इस खास संदेशों के संग्रह में। यहां हम लाए हैं नए सुविचार, जो आपके दिल को छू जाएंगे और आपके मन को प्रेरित करेंगे। इन सुविचारों की माधुर्य और अर्थपूर्णता से भरी वाणी आपके जीवन को सुंदरता से सजाएगी और आपके कदमों को एक नयी दिशा में ले जाएगी। इन सुविचारों को दिनचर्या में शामिल करके, हम सकारात्मक बने रहते हैं और खुद को समृद्ध, सुखी, और अर्थपूर्ण जीवन की ओर प्रेरित करते हैं।
तो चलिए, इस सुविचारों के सफर में एक साथ चलें और सुविचारों के जादू में खो जाएं।
कोई हालात नहीं समझता, कोई जज़्बात नहीं समझता, ये तो अपनी-अपनी समझ की बात है जनाब, कोई कोरा कागज़ समझ लेता है, तो कोई पूरी किताब नहीं समझता !
यूँ गरीब कहकर खुद की तौहीन ना कर ऐ बन्दे, गरीब तो वह लोग है जिनके पास ईमान नहीं है ।
में चीज महंगी और महान बेचता हूँ.. लोग ईमान बेचते हैं और मैं मुस्कान बेचता हूँ..
जरा सी बात पर न छोड़ किसी अपने का "दामन", जिंदगी बीत जाती है, अपने को अपना बनाने में ।
कभी-कभी हम गलत नहीं होते, लेकिन हमारे पास वो शब्द ही नही होते जो हमें सही साबित कर सकें ।
पंछी कभी अपने बच्चों के भविष्य के लिए घोंसले बनाकर नहीं देते, वे तो बस उन्हें 'उड़ने' की कला सिखाते हैं ।
तुम नीचे गिर के देखो, कोई नहीं आएगा उठाने ! तुम जरा उड़कर तो देखो, सब आयेंगे गिराने !!
जिन्हें अपने अंदर कोई गलती नजर नहीं आती, उन्हें दुसरो से गलतियों के अलावा कुछ नजर नहीं आता..
जहां लगे की हमारी वजह से दूसरों को तकलीफ हो रही है, वहां से हट जाना ही बेहतर है..
मुँह पर कड़वा बोलने वाले लोग कभी धोखा नहीं देते, डरना तो.. मीठा बोलने वालों से चाहिए ।
वक्त और अपने.. जब दोनों एक साथ चोट पहुंचाए तो इन्सान बाहर से ही नहीं, अन्दर से भी पत्थर बन जाता है ।
भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम इंसान को जिंदगी में बहुत कुछ सिखा देता है ।
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ, कल हर एक से पूछोगे उसे क्या हुआ था ।
गुजरे लम्हों से चुराई है, मैने एक एक तस्वीर यादों की, सिमटी हुई इन यादो को तो तू मेरे पास रहने दे ।
जितना बदल सको खुद को बदल लो, उसके बाद भी किसीको शिकायत हैं, तो उसे कह दो अपना रास्ता बदल लें ।
क्यों घबराता है पगले दुख होने से, जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ है रोने से !
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते और लोग पूछते है कोई तकलीफ तो नहीं ।
" गलती उसे कहते हैं, जिससे आपने कुछ नहीं सीखा । "
हर ठोकर इन्सान को गिराने के लिए नहीं लगती, कुछ ठोकर सुधरने, सँभलने और सीखने के लिए भी लगती है !
"न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे.. पर.. लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे.. सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया, तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं जी गया.. "मुस्कुराना" सीखना पड़ता है.. रोना" तो पैदा होते ही आ जाता हैं । "
जीत और हार का कोई अर्थ नही, अगर खेल का व्यक्ति ने आनंद ना लिया हो ।
किसी की संगत से आपके विचार शुद्ध होने लगें, तो समझ लेना वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है ।
तुम हमेशा उसका साथ दो, जो मुश्किल में तुम्हारा साथ था ।
वो बनो जिसे कोई चाहे, वो नहीं जिसे कोई चाहिए ।
जहाँ भी रहो, वहाँ लोगों की आवश्यकता बनकर रहो, उन पर बोझ बनकर नहीं..
परिस्थिति बदलना जब मुमकिन ना हो, तो.. मन की स्थिति बदल लीजिए.. सब कुछ अपने आप ही बदल जाएगा ।
उपरवाला मौज में आये तो .. सरताज बना देता है, और जरा सी नजर फेर ले तो .. मोहताज बना देता है ।
किसी से नाराजगी इतने वक्त तक ना रखो, कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए..
आजकल व्यवहार और दोस्ती 1000 के नोट जैसी हो गई, डर लगता रहता है कहीं नकली न हो !
रिश्ते कभी कुदरती मौत नहीं मरते, इनको हमेशा इंसान ही कत्ल करता है, कभी नफरत से, कभी नजरअंदाजी से, तो कभी गलतफहमी से..
स्टेशन जैसी हो गयी है..जिन्दगी, जहां लोग तो बहुत है, पर अपना कोई नहीं..
हमारी खामोशी को हमारा घमंड न समझो, बस कुछ ठोकरे ही ऐसी खाई है कि बोलने का मन ही नहीं करता ।
1 मिनट लगता है रिश्तों का मजाक उड़ाने में, और सारी उम्र बीत जाती है एक रिश्ते को बनाने में !
Bye बोलने के बाद भी यदि बातें होती रहे तो समझ लीजिए, रिश्ते मजबूरी में नहीं.. दिल से निभायी जा रही है ।
मैंने अपनी जिंदगी में सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखे हैं ।
"जिन्दगी" मे कभी किसी को "कम" मत समझो, पूरी दुनिया को "डूबाने" की "ताकत" रखने वाला "समंदर " "तेल" की एक बूंद को नहीं "डूबो" सकता..
जिन्दगी हँसाये तो समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है, और जब रुलाये तो समझना कि अच्छे कर्म करने का समय आ गया है !
झूठ भी कितना अजीब है.. खुद बोलो तो अच्छा लगता है, दुसरें बोले तो गुस्सा आता है ।
सच बोलना तो दूर की बात है आजकल, लोग सच सुनना भी पसंद नहीं करते ।
"क्रोध"आपका ऐसा हुनर है, जिसमें 'फँसते' भी आप है, उलझते भी आप है, पछताते भी आप है, और पिछड़ते भी आप है ।
एक ही समानता है पतंग और जिन्दगी में, ऊंचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होनी है !
जब कोई आपके सामने गुस्से में बात करे तो उसे खामोशी के साथ गौर से सुनिए, क्यूंकि गुस्से में इंसान अक्सर सच बोलता है..
बहुत से रिश्ते इसलिए खत्म हो जाते है, क्योंकि.. एक सही, बोल नहीं पाता, दूसरा सही समझ नहीं पाता !
मानव कितने भी प्रयत्न कर ले अंधेरे में छाया बुढ़ापे में काया और अंत समय मे माया किसी का साथ नहीं देती । कर्म करो तो फल मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है । जितना गहरा अधिक हो कुँआ, उतना मीठा जल मिलता है । जीवन के हर कठिन प्रश्न का, जीवन से ही हल मिलता है, सदा मुस्कुराते रहिये ।
बुरा भी वही बनता है - जो अच्छा बनकर टूट चुका हो ।
जो गुजर चुका है, उसे पीछे मुड कर कभी मत देखो, वर्ना जो आगे मिलने वाला है, उसे भी खो दोगे ।
अच्छा है आँसुओं का रंग नहीं होता है, वरना सुबह के तकिए रात का हाल बयान कर देते ।
बड़ा आदमी वो है जो अपने पास बैठे व्यक्ति को छोटा साबित ना होने दे..
लोगो ने साथ नहीं दिया तो दुखी मत होना.. ख्वाब तुम्हारे है, कोशिश भी तुम्हें ही करनी पड़ेगी !
रुलाने में अक्सर उन्हीं का हाथ होता है, जो कहते हैं तुम हंसते हुए अच्छे लगते हो ।